Good Habits: सुबह की 4 अच्छी आदतें जो आपको रखेंगी जीवन भर स्वस्थ

Good Habits: कौन नहीं चाहता कि वह जिंदगी भर स्वस्थ रहे? ऐसा इस दुनिया में आने वाला हर व्यक्ति चाहता है । वह चाहता है कि हमेंशा स्वस्थ रहें और दुःख बिमारियों से बचा रहे । लेकिन क्या ऐसा हो पाता है? नहीं न, होता है बिल्कुल आप जिंदगी भर स्वस्थ रह सकते हैं । अगर आपने आयुर्वेद में बताये सभी स्वस्थ वृत्त के नियमों का पालन करें तो निश्चित रूप से भविष्य में आने वाले गंभीर और सामान्य सभी प्रकार के रोगों से बच सकते हैं ।

आज के इस लेख में हमने स्वस्थवृत्त की महत्वपूर्ण 4 आदतों के बारे में आपको बताया है । जिनका पालन करके आप जिंदगी भर रोगों से बचे रह सकते हैं । अगर आप इन 4 सुबह की बेहतरीन अच्छी आदतों को अपना लें तो रोग आपके आस पास भी नहीं आते । वैसे स्वस्थवृत्त के नियमों में बहुत से नियम है परन्तु यहाँ हम आपको सिर्फ 4 ही बताने वाले है जिन्हें हर किसी को करना चाहिए ।

1. नित्य ब्रह्म मुर्हुत में उठें

अगर आप जिंदगी भर स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको ब्रह्म मुर्हुत में उठना चाहिए । सुबह 2 से 4 बजे का समय ब्रह्म मुर्हुत कहलाता है । इस समय अगर आप नित्य उठते हैं तो आपको रोगों से लड़ने की शक्ति का संचार अपने शरीर में महसूस होगा । ऐसा माना जाता है कि सूर्योदय से पहले उठना आपके जीवन में चार – चाँद लगा सकता है । इस समय उठने से आपको शरीर को अधिक ऑक्सीजन मिलती है और आप स्वस्थ रह सकते हैं ।

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2. ताम्बे के बर्तन में रखा हुआ जल पियें

ब्रह्म मुर्हुत में उठने के बाद सबसे पहले रात्रि में ताम्बे के लौटे में रखा हुआ जल पीना चाहिए । यह एंटीमाइक्रोबायोल एवं विशेष गुणों से युक्त होता है । जो आपका पाचन ठीक करता है, रोगों से लड़ने की शक्ति का संचार करता है एवं शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है ।

3. नित्यकर्म को कभी भी न छोड़ें

सुबह ब्रह्म मुर्हुत में उठने के बाद नित्य कर्म से आपको निवर्त होना चाहिए । इस आदत को कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए । सुबह मंजन करना, शौच आदि से निपटना एवं गंडूष, स्नान आदि को नित्य करना चाहिए । ये नित्यकर्म की श्रेणी में आने वाले काम होते हैं । इन्हें एक दिन भी गलत समय पर करना आपके लिए नुकसान दायक है । अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो इन नित्यकर्म को आपको अपनाना चाहिए ।

4. योग एवं व्यायाम

योग एवं व्यायाम भी नित्य किये जाने वाली अच्छी आदतों में आता है । शौचादि के नित्य कर्मों से निपटने के पश्चात आपको अपने सामर्थ्य अनुसार योग आसन को करना चाहिए । इस समय आप प्राणायाम, मैडिटेशन या अपने शारीरिक बल अनुसार कोई भी कसरत कर सकते हैं । यह अच्छी आदत आपको जीवन भर स्वस्थ एवं खुशहाल रखेगी ।

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