Sahara India : जी हां, सहारा इंडिया रियल स्टेट कंपनी और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन समूह की सहायक कंपनी है। जो पूरे भारत में आवासीय परियोजनाओं को चलाती है और विकसित करती है। सहारा इंडिया रियल स्टेट कंपनी 1978 में एक निजी कंपनी के रूप में विकसित हुई थी।
अभी सहारा घोटाला मामला आने के बाद दोनों कंपनियां विवादों के घेरे में खड़ी है। 26 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत राय जो सहारा कंपनी के संस्थापक भी हैं को गिरफ्तार किया गया और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चलाया गया। मार्च में जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने हरिद्वार दिल्ली हाईवे पर बहादराबाद क्षेत्र में सहारा की 87 एकड़ भूमि के क्रय -विक्रय पर रोक लगा दी थी।यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन था।
सहारा इंडिया मामले को लेकर नई अपडेट क्या है?

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इस मामले को लेकर एक नई अपडेट सामने आ रही है जिससे इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। 87एकड़ भूमि में से 140 बीघा भूमि पर प्ंलाटिग का कार्य कर रहे रियल एस्टेट कारोबारी सतीश त्यागी और उनके बेटे अभिषेक त्यागी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिस पर कोर्ट ने राजस्व विभाग से जारी मामले पर विधिवत राय मांगी थी।
जिसके बाद भूमि पर रोक हटा दी गई है। कोर्ट के फैसले के बाद शासन के निर्देश के अनुसार जिलाधिकारी धीरज सिंह ने भूमि के क्रय विक्रय पर फैसला लेते हुए रोक हटा दी है और भूमि पर अब प्लांटिग का कार्य शुरू कर दिया गया है। प्रोजेक्ट की कमान संभाल रहे रीयल स्टेट कारोबारी ने क्रय-विक्रय पर लगी रोक को निवेशकों के हित में बताया है।
सहारा इंडिया को लेकर ये है खबर
यह जमीन सहारा रीयल स्टेट कंपनी ने 2003 से 2007 के मध्य में खरीदी थी। सहारा कंपैरेटिव सोसाइटी का गठन 2010 में हुआ था जिसके बाद इस सोसाइटी में आम जनता ने अपना पैसा निवेश करना शुरू किया था। सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि सहारा रियल स्टेट कंपनी सेबी के खाते में 25000 करोड रुपए से ज्यादा रकम निवेशकों द्वारा जमा हो गए हैं। इस पर सहारा इंडिया स्टेट कंपनी ने सरकार को किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी थी और टैक्स में भी छूट लेती रही।
निवेशकों द्वारा शिकायत मिलने पर इन कंपनियों की जांच की गई। इसके बाद सहारा कंपैरेटिव सोसाइटी कंपनी और सहारा इंडिया स्टेट कंपनी को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में लिप्त पाया गया। इस कारण उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चलाया गया। निवेशकों द्वारा जमा सेबी के खाते की इस रकम को अब सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सहारा निवेशकों को वापस लौटाया जा रहा है। सहारा कंपैरेटिव सोसाइटी के मुताबिक 5000 करोड़ निवेशकों को यह राशि वापिस लौटा दी गई है और जल्द ही निवेशकों को एचआरडीए के तहत ली गई राशि वापस लौटा दी जाएगी।
सहारा इंडिया मामले को लेकर कोर्ट ने क्या आदेश दिए हैं?
सहारा इंडिया मामले को लेकर कोर्ट ने आदेश दिए है कि जल्द ही सहारा इंडिया रियल स्टेट कंपनी सेबी के अकाउंट में निवेश करने वाले निवेशकों को उनकी राशि लौटा दे। अब कोर्ट के इस फैसले के बाद सहारा इंडिया कंपनी जल्द ही 36000 करोड़ की राशि लोटाने जा रही है।